
देशभर के लगभग 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मियों के वेतन, पेंशन और भत्तों में संशोधन के लिए जिम्मेदार होगा।
📅 गठन में देरी संभव, रिपोर्ट में दावा
द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग की घोषणा जनवरी 2026 तक नहीं हो पाएगी। इसका कारण है अब तक Terms of Reference (ToR) का फाइनल न होना और आयोग के गठन को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कोई ठोस जानकारी न आना।
याद दिला दें कि 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित हुआ था, जिसकी सिफारिशें जनवरी 2016 से लागू की गई थीं। इस तरह सरकार को रिपोर्ट तैयार करने, अनुमोदन लेने और लागू करने में लगभग 2 साल का समय लगा था। अगर यही पैटर्न अपनाया जाता है, तो 8वां वेतन आयोग 2027 की शुरुआत तक ही लागू हो सकता है।
📊 8वें वेतन आयोग से क्या हैं मुख्य उम्मीदें?
✅ फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor)
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था, जिसके जरिए पुराने वेतन को नए ढांचे में बदला गया था।
8वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.5 से 2.8 के बीच हो सकता है। यदि 2.8 रखा जाता है, तो वर्तमान में ₹18,000 न्यूनतम वेतन पाने वाले कर्मचारी का नया वेतन लगभग ₹50,400 हो सकता है।
✅ पे मैट्रिक्स में बदलाव
6वें और 7वें वेतन आयोग के दौरान पे-बैंड और पे मैट्रिक्स के जरिए वेतन ढांचे को सरल और पारदर्शी बनाया गया था। अब यह देखना होगा कि 8वें वेतन आयोग में ग्रेड पे या पे लेवल में क्या नया बदलाव आता है।
🕒 देरी का असर कर्मचारियों पर
यदि आयोग का गठन 2025 के अंत तक नहीं होता है, तो इससे न केवल फिटमेंट फैक्टर की घोषणा में देरी होगी, बल्कि पेंशनर्स और सेवानिवृत्त होने जा रहे कर्मचारियों को बड़ा नुकसान हो सकता है, क्योंकि उन्हें संशोधित वेतन/पेंशन का लाभ नहीं मिल पाएगा।
📌 निष्कर्ष
- 8वें वेतन आयोग की कोई आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है।
- जनवरी 2026 की डेडलाइन मिस हो सकती है।
- वेतन ढांचे में बदलाव के लिए अभी और इंतजार करना होगा।
सरकारी कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे केवल आधिकारिक घोषणाओं पर ही भरोसा करें और अफवाहों से बचें।
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