इज़राइल-ईरान संघर्ष के बीच भारत का ऑपरेशन सिंदूर बना मिसाइल डिफेंस का ग्लोबल उदाहरन

नई दिल्ली, 15 जून 2025 – इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने एक बार फिर वैश्विक सुरक्षा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 13 जून को इज़राइल ने ईरान के न्यूक्लियर और मिलिट्री फैसिलिटीज़ पर एयर स्ट्राइक की, जिसके जवाब में 14 जून को ईरान ने इज़राइल पर बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इज़राइल ने अपने प्रसिद्ध आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग और एरो डिफेंस सिस्टम का उपयोग करते हुए कई हमलों को रोका, लेकिन इसके बावजूद कुछ मिसाइलें इज़राइली ज़मीन पर गिरने में सफल रहीं। इस हमले में 34 लोग घायल हुए और एक महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है।

इस घटना ने यह दिखा दिया कि दुनिया का सबसे ताकतवर डिफेंस सिस्टम भी 100% सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकता। लेकिन इसी संदर्भ में भारत द्वारा हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। इस ऑपरेशन में भारत ने 100 से अधिक पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन हमलों को शून्य लीकेज के साथ इंटरसेप्ट किया — यानी एक भी मिसाइल या ड्रोन भारतीय भूमि पर नहीं गिरा।

भारत का 100% इंटरसेप्शन: कैसे हुआ यह संभव?

भारत का यह सैन्य अभियान न केवल एक रणनीतिक सफलता है, बल्कि तकनीकी आत्मनिर्भरता का उदाहरण भी है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने बैलिस्टिक मिसाइल्स, क्रूज मिसाइल्स और ड्रोन का उपयोग करते हुए भारत के सिविलियन और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। लेकिन भारत के मल्टी-लेयर्ड डिफेंस सिस्टम ने इन सभी खतरों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया।

मल्टी-लेयर्ड डिफेंस सिस्टम की ताकत

भारत का मिसाइल डिफेंस सिस्टम चार लेयर्स में बंटा हुआ है:

  1. लॉन्ग रेंज इंटरसेप्शन (Outer Shield): इसमें PAD (Prithvi Air Defence) और AAD (Advanced Air Defence) सिस्टम आते हैं, जो ऊँचाई पर और दूर से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइल्स को रोकते हैं। साथ ही रूस से लिया गया S-400 ट्रायम्फ सिस्टम 400 किमी की दूरी तक किसी भी खतरे को निष्क्रिय कर सकता है।
  2. मिड-रेंज इंटरसेप्शन: भारत और इज़राइल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित Barak-8 सिस्टम इस लेयर में आता है, जो 70 किमी की रेंज तक मिसाइल्स और एयरक्राफ्ट्स को इंटरसेप्ट कर सकता है। ऑपरेशन सिंदूर में इसने पाकिस्तान की फतेह-2 मिसाइल को सिरसा के पास रोका।
  3. शॉर्ट रेंज इंटरसेप्शन: भारत का स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम, जो 25 किमी रेंज तक काम करता है, ने कई पाकिस्तानी ड्रोन को इंटरसेप्ट किया।
  4. वेरी शॉर्ट रेंज डिफेंस (Point Defence): इसमें MANPADS जैसे Igla, Stinger और L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन जैसे हथियार शामिल हैं, जिन्होंने कम ऊँचाई से उड़ने वाले ड्रोन को रोका।

आत्मनिर्भरता का प्रतीक: आकाश तीर सिस्टम

इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी खासियत रही भारत का इंडिजीनस आकाश तीर कमांड एंड कंट्रोल नेटवर्क, जो रियल टाइम में खतरे को पहचानता है और मल्टी-लेयर्ड सिस्टम को कोऑर्डिनेट करता है। यही नहीं, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 100% किल रेट हासिल कर यह सिस्टम एक बड़ा गेम चेंजर साबित हुआ।

क्या भारत का डिफेंस इज़राइल से बेहतर है?

जब इज़राइल जैसे देश की डिफेंस प्रणाली भी ईरान के हमलों में लीकेज नहीं रोक पाई, तब भारत का 100% इंटरसेप्शन वास्तव में उल्लेखनीय उपलब्धि है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अब केवल टेक्नोलॉजी में नहीं, बल्कि रणनीति और कोऑर्डिनेशन में भी विश्व स्तरीय स्तर पर पहुंच चुका है।

निष्कर्ष

भारत का ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य सफलता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ठोस कदम है। इसने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत अब अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह सक्षम है — चाहे दुश्मन कितना भी बड़ा हमला क्यों न करे। यह संदेश केवल पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है: भारत को अब अंडरएस्टिमेट करना भारी पड़ सकता है।


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